स्कूल प्रबंधन से लेकर अभिभावकों तक किसी को नहीं चिंता, पुलिस अधीक्षक से कार्रवाई की मांग



 मानक विहीन स्कूली बसों का 

संचालन, सख्ती से लगे रोक



रसड़ा (बलिया)। 6 मार्च। (डी एन एन)। स्कूली बच्चों की सुरक्षा को दरकिनार कर इलाके के तमाम प्राइवेट स्कूलों द्वारा मानक विहीन बसों का संचालन एक बड़ी समस्या बन गया है। जिसको लेकर न तो स्कूल प्रबंधन न ही यातायात विभाग और न ही अभिभावक गंभीर हैं।

जानकार बताते हैं कि, स्कूल प्रबंधन और यातायात जागरूकता अभियान से अंजान बनें हुए हैं अभिभावक जनपद सहित सभी तहसील क्षेत्रों में घर से स्कूल तक पहुंचने के दौरान बसों और वैन में बच्चे किस तरह बैठे हैं, वाहन किस स्थिति में है और चालक किस तरह से वाहन को चला रहा है इसकी चिंता न तो स्कूल के प्रबंधन को है और न ही अभिभावकों को है। अभिभावक और स्कूल प्रबंधन कई मामलों में यह तक जानने का प्रयास नहीं करते हैं कि स्कूल बसों के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने क्या निर्देश दिया हैं। उन निर्देश का पालन किया जा रहा है या नहीं। 


यह हैं सुप्रीम कोर्ट के निर्देश


सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि स्कूल बसें पीले रंग की होनी चाहिए और आगे व पीछे स्कूल बस लिखा हाेना चाहिए। किराये की बस होने पर उस पर स्कूल डयूटी पर लिखा होना चाहिए। बस में फर्स्ट-एड-बॉक्स अवश्य होना चाहिए। खिड़कियों पर ग्रिल लगी होनी चाहिए। बस में आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र,बस पर स्कूल का नाम और टेलीफोन नंबर लिखा हाेना चाहिए। बस के चारों ओर बीच में 150 मिमी चौडाई की हरे रंग की पट्टी होनी चाहिए। बस में स्कूल की तरफ से एक अटेंडेंट होना चाहिए। बस की अधिकतम रफ्तार सीमा 40 किलोमीटर प्रतिघंटा होनी चाहिए। स्कूल बस चालक के पास कम से कम चार साल का वाहन चलाने का अनुभव और वैध लाइसेंस होना चाहिए। स्कूल बस चालक के पास बस में जाने वाले सभी बच्चों की पूरी सूची, नाम, कक्षा, आवासीय पता, ब्लड ग्रुप और ड्राप प्वाइंट की पूरी जानकारी होनी चाहिए। सभी स्कूल बसों में दो आपातकालीन निकास द्वार होने चाहिए। एक बस के पिछले आधे हिस्से में दांयी तरफ और दूसरा बस के पिछले हिस्से में। समय-समय पर परिवहन विभाग सहित पुलिस विभाग को अभियान चलाकर चेक कर स्कूल वाहनों को जागरूक कर कार्रवाई करते रहना चाहिए मगर नहीं ना विभाग को चिंता हैं, नाही स्कूल प्रबंधन को और न ही अभिभावकों को फिर कैसे रुकेगी सड़क दुघर्टना। समय-समय पर परिवहन विभाग को जनपद सहित ग्रामीण क्षेत्रों में ताबड़तोड़ अभियान चलाकर अनफिट वाहन चालकों के उपर कार्रवाई होती तो लोगों में जागरूकता पैदा होता और दुघर्टना में कमी आती साथ ही पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह  को चाहिए कि जनपद के सभी थानों को थाना प्रभारी को निर्देश कर देते कि प्राइवेट स्कूलों के वाहनों का तहकीकात करते रहे।

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