बलिया जिले में बाढ़ का प्रकोप
बलिया जिले में बाढ़ का प्रकोप
बलिया में इस वक्त बाढ़ से हालात भयावह हैं। गंगा और सरयू उफान पर हैं, इससे 2 लाख की आबादी पर संकट गहरा गया है। चारों तरफ पानी भरा हुआ है। लोग अपने बच्चों को लेकर पलायन करने को मजबूर हैं। दुबेछपरा की गलियां पानी से लबालब हैं। अमर नाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय और पीएन इंटर कॉलेज दुबेछपरा में भी पानी भर गया है। इससे हर किसी की मुसीबत बढ़ गई है। दुबे छपरा गांव से निकलकर लोग एनएच-31 के किनारे शरण ले रहे हैं।
मझौंवा में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से बलिया-बैरिया राष्ट्रीय राजमार्ग के दक्षिण बसे 20 से अधिक गांव बाढ़ के पानी के से घिर गए हैं। दुबे छपरा, गोपालपुर, उदई छपरा, सुधर छपरा, रामगढ़ का सोनार टोला, बनिया टोला, मझौवा, धर्मपुरा, शुक्लछपरा, गरया, डांगरबाद, जगछपरा, रुद्रपुर, प्रबोधपुर गायघाट पोखरा, बाबू बेल, बंधु चक आदि गांव में घरों में पानी प्रवेश कर गया है। हरिहरपुर, चैन छपरा गांव में भी गंगा का पानी प्रवेश करने से लोग सुरक्षित स्थानों की खोज करने लगे हैं। क्षेत्र में कहीं भी गोपालपुर गांव को छोड़कर बाढ़ चौकियां नहीं बनी हैं। इसके चलते प्रभावित गांवों के लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
सोमवार को बैरिया के उपजिलाधिकारी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। बाढ़ चौकी स्थापित कर दी गई है, लेकिन अभी सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है। बाढ़ग्रस्त इलाके में लोगों को शुद्ध पेयजल की भी दिक्कत हो गई है। हैंडपंप दूषित जल देने लगते हैं, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई है। दोकटी में गंगा के बाढ़ से ग्राम पंचायत रामपुर कोड़रहा, ग्राम पंचायत शिवपुर कपूर दियर की कई बस्तियां घिर चुकी है।
इधर शहर के निचले इलाके में भी बाढ़ से भयावह हालात हो गए हैं। लोगों में अफरा-तफरी मची हैं। लगभग 500 घरों के लोग बाढ़ के पानी से घिर हैं। शनिचरी मंदिर के पास तक गंगा का पानी पहुंच गया है। शहर के कटहल नाला में भी पानी का बहाव गंगा नदी के ओर से शहर की ओर से हो गया है। इस नाले के माध्यम से पानी सुरहाताल में जाने लगा है।
गंगा के साथ सरयू भी सोमवार को खतरा निशान पार कर गई। इससे हालात और भी भयावह होने लगे हैं। सरयू से प्रभावित गांवों में चांददियर, बकुल्हां, टोला फतेहराय आदि गांव हैं। सुरेमनपुर के गोपालनगर टांडी, बांसडीह के सुल्तानपुर आदि क्षेत्रों में भी बाढ़ की स्थिति बनने लगी है। नदियों का पेटा पानी से भर जाने के कारण अभी कटान नहीं हो रहा है, लेकिन बाढ़ से सभी की मुसीबत बढ़ गई है।
बैरिया के एसडीएम सुनील कुमार ने बताया कि प्रशासन की ओर से हर स्तर से तैयारी है। जरूरत के हिसाब से व्यवस्था की जाएगी। सड़क के पास शरण लेने वाले लोगों को पका पकाया भोजन भी दिया जाएगा। बाढ़ की स्थिति का आकलन किया जा रहा है।
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