पृथ्वीनाथ मंदिर दर्शन को जा रहे थे सभी, मुख्यमंत्री ने जताया शोक, मृतकों के परिजनों को 5–5 लाख की सहायता
गोंडा, 3 अगस्त। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में रविवार को एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा इटियाथोक थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुआ, जब बोलेरो गाड़ी अनियंत्रित होकर सरयू नहर में जा गिरी। हादसे में मृतकों में तीन बच्चे भी शामिल हैं।
मंदिर दर्शन के लिए निकले थे सभी यात्री
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सभी मृतक बोलेरो गाड़ी में सवार होकर पृथ्वीनाथ मंदिर दर्शन के लिए जा रहे थे। गाड़ी में कुल 15 लोग सवार थे। रास्ते में, चालक का वाहन पर से नियंत्रण हट गया, जिसके बाद बोलेरो तेज रफ्तार में सड़क किनारे बनी सरयू नहर में जा गिरी।
पानी का तेज बहाव बना मौत का कारण
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसे के वक्त बोलेरो नहर में गिरते ही पूरी तरह उलट गई, जिससे गाड़ी में बैठे लोग फंस गए। नहर में पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण पानी का स्तर काफी ऊंचा था और बहाव भी तेज था। इस वजह से लोग बाहर निकलने की कोशिश करते हुए भी बाहर नहीं आ सके।
एक स्थानीय निवासी ने बताया:
गाड़ी जैसे ही नहर में गिरी, उसमें से चीख-पुकार की आवाज आने लगी। कुछ लोग मदद के लिए दौड़े, लेकिन तेज बहाव और पानी की गहराई के कारण तुरंत कुछ कर पाना संभव नहीं ।
राहत और बचाव कार्य में आई मुश्किलें
हादसे की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस बल, और बचाव दल मौके पर पहुंचे। गोताखोरों को बुलाकर तुरंत राहत कार्य शुरू किया गया। पानी की गहराई और तेज बहाव के कारण गाड़ी तक पहुंचना बेहद मुश्किल था। गोताखोरों ने कड़ी मशक्कत के बाद गाड़ी को खींचकर किनारे लाया और एक-एक करके शवों को बाहर निकाला।
चार लोग अस्पताल में भर्ती
इस हादसे में चार लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के अनुसार, घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है और उन्हें लगातार निगरानी में रखा गया है। कुछ को लखनऊ रेफर किए जाने की संभावना भी है।
मृतकों में तीन बच्चे शामिल
मृतकों में से तीन बच्चे भी थे, जिनकी उम्र 8 से 14 साल के बीच बताई जा रही है। शेष मृतक पुरुष और महिलाएं थे, जो सभी एक ही इलाके के निवासी थे। गांव में इस घटना की खबर पहुंचते ही मातम पसर गया।
मुख्यमंत्री ने जताया गहरा शोक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट और प्रेस बयान जारी कर मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि:
राहत और बचाव कार्य में किसी भी प्रकार की देरी न हो।
घायलों का इलाज सर्वोच्च प्राथमिकता पर किया जाए।
मृतकों के परिजनों को तत्काल 5–5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए।
गांव में पसरा मातम
घटना की खबर जैसे ही गांव में पहुंची, वहां चीख-पुकार मच गई। परिजन और रिश्तेदार अस्पताल और घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। कई घरों में एक साथ कई सदस्य खोने के कारण माहौल बेहद गमगीन हो गया।
एक बुजुर्ग ग्रामीण ने कहा:
“इतनी बड़ी त्रासदी हमने पहले कभी नहीं देखी। एक ही गांव के इतने लोग एक साथ चले गए, यह सोचकर ही दिल कांप जाता है।”
सुरक्षा उपायों पर उठे सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और नहर किनारे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि नहर किनारे मजबूत रेलिंग या बैरिकेड न होने की वजह से वाहन आसानी से फिसलकर पानी में गिर सकते हैं।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हादसे की पूरी जांच की जाएगी। फिलहाल प्राथमिक जांच में तेज रफ्तार और फिसलन भरी सड़क को हादसे का कारण माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि नहर किनारे सुरक्षा बढ़ाने के लिए संबंधित विभाग को पत्र भेजा जाएगा।
अस्पताल में प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी
जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक खुद अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल लिया। उन्होंने डॉक्टरों को निर्देश दिया कि इलाज में किसी तरह की लापरवाही न हो और जरूरत पड़ने पर बेहतर सुविधाओं वाले अस्पताल में मरीजों को शिफ्ट किया जाए।
लोगों की अपील: सड़क और नहर किनारे सुरक्षा बढ़ाई जाए
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के लिए नहर किनारे मजबूत सुरक्षा रेलिंग लगाई जाए, साथ ही सड़क पर गति सीमा का पालन सख्ती से कराया जाए।
निष्कर्ष
गोंडा का यह हादसा पूरे प्रदेश के लिए एक चेतावनी है कि सड़क और जलमार्ग सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाने की जरूरत है। इस त्रासदी ने कई परिवारों को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है। प्रशासन और सरकार की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए ठोस और स्थायी उपाय आवश्यक हैं।