सांसद की तल्ख टिप्पणी : काश्तकारों के अंश निर्धारण हेतु पूरे प्रदेश में हो रहा है आर्थिक दोहन
यूपी के थाने पीड़ित के नहीं पीड़ा देने वालों के साथ : रमाशंकर राजभर, सांसद सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र
सिकंदरपुर (बलिया)। 5 मार्च। (डी एन एन) सलेमपुर लोकसभा सीट से सांसद रमाशंकर राजभर ने उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि प्रदेश के थाने सत्ता की कठपुतली बनकर रह गए हैं।
समाचार एजेंसी डीएनएन को दिए एक विशेष इंटरव्यू में सांसद ने कहा कि उत्तर प्रदेश के थाने पीड़ित के साथ नहीं बल्कि पीड़ा देने वालों के साथ खड़े हैं। सभी थाने पीड़ितों के साथ पूरी तरह न्याय नहीं कर रहे हैं। वह फोन का इंतजार करते हैं। किसी भी मामले में यदि सत्ता पक्ष के किसी नेता का फोन आ जाता है, तो समझ लीजिए पीड़ित को न्याय नहीं मिलने वाला।
सांसद ने आरोप लगाया कि ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि जिनको न्याय करने कराने हेतु रखा गया है वह पीड़ित के साथ न होकर पीड़ा देने वालों के साथ खड़े हैं। यदि फोन आ गया सेटिंग हो गई, तो निष्पक्ष काम नहीं होने वाला। यह सब सत्ता के दबाव में हो रहा है।'
स्थानीय बस स्टेशन चौराहे पर जनसुनवाई के दौरान लोकसभा सलेमपुर के सांसद रमाशंकर राजभर ने पत्र प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए एक प्रश्न के जवाब में बताया कि सिकंदरपुर का थाना ही क्या प्रदेश के सभी थाने भ्रष्टाचार के केंद्र बने हुए हैं। पीड़ितों के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है। पीड़ित को ही सजा हो जा रही है। वहीं जब तहसील में अंश निर्धारण के लिए अवैध रूप से वसूली की बात कही गई तो उन्होंने कहा कि सभी तहसीलों की स्थिति यही है। केवल सिकंदरपुर और बलिया ही नहीं बल्कि प्रदेश में सभी तहसीलों पर अंश निर्धारण के नाम पर जबरदस्त कर्मचारियों के द्वारा वसूली किया जा रहा है। वहीं खरीद व दरौली के मध्य सरयू नदी पर बने पीपा पुल के बारे में पूछे जाने पर संसद ने कहा कि यह अधिकारियों की घोर लापरवाही के कारण ही पीपा पुल देर से चालू हुआ है। बताया कि चूंकि लकड़ियां कुंभ में चली गई थी। इसकी जानकारी अधिकारियों द्वारा दी गई थी, जिसके कारण जर्जर लकड़ियों को लगाकर ही पीपा पुल जैसे तैसे चालू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वह अधिकारियों से बात करके पीपा पुल को दुरुस्त कराने का प्रयास करेंगे।
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