गोरखपुर। शारदीय नवरात्र के पावन अवसर पर गोरक्षपीठ में सोमवार को परंपरागत विधि-विधान के बीच विशेष अनुष्ठान का शुभारंभ हुआ। गोरक्षपीठाधीश्वर एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य गोरखनाथ मंदिर परिसर स्थित शक्तिपीठ में कलश स्थापना कर मां आदिशक्ति की उपासना की।
प्रतिपदा तिथि पर आयोजित इस अनुष्ठान के प्रथम दिन देवी शैलपुत्री की आराधना, पूजा-अर्चना और आरती सम्पन्न हुई। कलश स्थापना से पूर्व मंदिर परिसर से भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई, जो पारंपरिक वाद्ययंत्रों, शंख-घंट-घड़ियाल की ध्वनियों और जयघोष के बीच भीम सरोवर तक पहुंची। वहां से सरोवर का जल लेकर शोभायात्रा पुनः शक्तिपीठ लौटी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं जल से भरा कलश उठाकर गर्भगृह में स्थापित किया और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की। अनुष्ठान में मां दुर्गा, भगवान शिव और गुरु गोरखनाथ के शस्त्र त्रिशूल का प्रतिष्ठापन कर गौरी-गणेश की आराधना भी की गई।
शक्तिपीठ के गर्भगृह में इस अवसर पर श्रीमद्देवीभागवत और श्रीदुर्गासप्तशती के पाठ का शुभारंभ हुआ। इसके उपरांत आरती और प्रसाद वितरण के साथ प्रथम दिन का अनुष्ठान संपन्न हुआ।
पूरे आयोजन का वातावरण श्रद्धा, आस्था और परंपरा से परिपूर्ण रहा, जिसमें लोककल्याण और विश्वशांति की मंगलकामना के साथ मां जगज्जननी दुर्गा से आशीर्वाद की प्रार्थना की गई।