बलिया। गंगा किनारे लगने वाला जनपद का प्रसिद्ध ददरी मेला इस वर्ष 4 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक आयोजित होगा। नगर पालिका परिषद के चेयरमैन संत कुमार उर्फ मिठईलाल ने बताया कि मेला करीब डेढ़ सौ एकड़ क्षेत्र में फैलेगा। इस बार किसानों को भूमि किराए के रूप में ₹100 प्रति डिस्मिल दिया जाएगा, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना है।
हालांकि, लंपी बीमारी के चलते शासन के आदेशानुसार 31 अक्टूबर तक पशु मेला स्थगित रहेगा। इस कारण नंदीग्राम का पारंपरिक स्वरूप इस बार देखने को नहीं मिलेगा।
चेयरमैन ने जानकारी दी कि मेले में पहली बार कोरियन जलपरी शो शामिल किया जाएगा। इसके अलावा आधुनिक झूलों वाली कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि बच्चों और युवाओं को बेहतर मनोरंजन उपलब्ध हो सके।
तैयारियों में गंगा की बाढ़ ने खलल डाली है। चार बार बाढ़ आने से कार्यक्रमों का निर्धारण अभी तक पूरी तरह नहीं हो पाया है। इसके बावजूद आयोजक पिछले वर्ष से भी बेहतर सांस्कृतिक कार्यक्रम, कवि सम्मेलन और मनोरंजन की योजना बना रहे हैं।
मेले के किराए की दरें अभी तय नहीं की गई हैं, लेकिन आयोजकों का प्रयास है कि इन्हें सामान्य रखा जाए ताकि किसी पर अतिरिक्त बोझ न पड़े। गौरतलब है कि ददरी मेला देश के चार प्रमुख मेलों में गिना जाता है और इसे इस बार भी वर्ष 2023 की तर्ज पर भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा।