प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने बड़े पैमाने पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर ली है। हाल ही में 690 नए पद जोड़े जाने के बाद अब कुल 1252 असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति की संभावना है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने अद्यतन अधियाचन शासन को भेज दिया है, जिसे जल्द ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) को भेजा जाएगा, ताकि भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ हो सके।
यह भर्ती कला, विज्ञान, वाणिज्य, शारीरिक शिक्षा, संगीत, कृषि, विधि, शिक्षा, मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, पत्रकारिता, गृहविज्ञान, सैन्य विज्ञान और संस्कृत सहित कई विषयों में की जाएगी। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. ओम प्रकाश भारद्वाज के अनुसार, नए पद हाल के वर्षों में खुले नए महाविद्यालयों और बढ़ी हुई कक्षाओं की जरूरत को देखते हुए जोड़े गए हैं।
वर्तमान में प्रदेश के 171 राजकीय महाविद्यालयों में से 71 कॉलेजों को नई संकाय की मान्यता मिली है। इनमें से 23 कॉलेजों को विश्वविद्यालय से संबद्धता प्रदान की गई है, जबकि 46 कॉलेजों को शासन की संस्तुति के बाद अधियाचन में शामिल किया गया है। इससे यह साफ है कि आने वाले समय में छात्रों को विषयवार अधिक शिक्षकों की सुविधा मिल सकेगी और शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
डॉ. भारद्वाज ने बताया कि इस बार चयन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। साक्षात्कार के अंक नहीं जोड़े जाएंगे और चयन केवल लिखित परीक्षा व मेरिट सूची के आधार पर होगा। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत लागू किया गया है, ताकि भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो सके।
भर्ती प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से की जाएगी और वर्ष 2025 तक सभी 1252 पदों पर नियुक्ति पूरी करने का लक्ष्य है। इससे न केवल बेरोजगार अभ्यर्थियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र को भी मजबूती मिलेगी।
शिक्षा जगत के विशेषज्ञों का मानना है कि इन भर्तियों से प्रदेश के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में उच्च शिक्षा की स्थिति बेहतर होगी। वहीं, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं में इस घोषणा से उत्साह है।
इस भर्ती प्रक्रिया की अधिसूचना जारी होते ही आवेदन और परीक्षा संबंधी विस्तृत दिशा-निर्देश UPPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराए जाएंगे। सरकार की इस पहल से लंबे समय से खाली पड़े पद भरने और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण मदद मिलेगी।