रिपोर्टर:- आलम खान
बलिया। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रभारी मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने रविवार को जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह के साथ बलिया जनपद के बाढ़ एवं कटान प्रभावित क्षेत्रों का व्यापक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रशासनिक एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और बाढ़ पीड़ितों को आश्वस्त किया कि आपदा की इस घड़ी में सरकार हर संभव मदद करेगी तथा सभी जरूरी सुविधाएं समय पर मुहैया कराएगी।
डेंजर प्वाइंट का बारीकी से निरीक्षण
निरीक्षण के क्रम में मंत्री ने एनएच-31 के उन हिस्सों का जायजा लिया, जिन्हें बाढ़ के दौरान “डेंजर प्वाइंट” माना जाता है। इन स्थलों पर उन्होंने बाढ़ विभाग के अधिशासी अभियंता संजय कुमार मिश्र को सुरक्षा प्रबंध और बचाव कार्यों को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस बार किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और प्रशासन पहले से ही पूरी तैयारी में है।
दूबेछपरा राहत केंद्र का शुभारंभ
इसके बाद मंत्री दूबेछपरा पहुंचे, जहां उन्होंने हनुमान मंदिर से संचालित होने वाले बाढ़ राहत केंद्र का मंत्रोच्चार के बीच फीता काटकर उद्घाटन किया। इस अवसर पर ग्रामीणों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा —
> "बाढ़ पीड़ितों को तत्काल राहत पहुंचाना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। गृह अनुदान से लेकर खाद्य सामग्री और आवश्यक संसाधन तक, सभी सहायता समय पर उपलब्ध कराई जाएगी ताकि आपदा के समय लोगों की पीड़ा कम हो सके।"
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस बार नाव की उपलब्धता या अन्य किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आने दी जाएगी। जिला प्रशासन ने पिछले सप्ताह आई बाढ़ के अनुभव से सीख लेते हुए सभी इंतजाम पहले ही पूरे कर लिए हैं।
एनडीआरएफ की तैनाती और सुरक्षा संदेश
मंत्री ने बताया कि एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम मौके पर तैनात कर दी गई है और लगातार निगरानी कर रही है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे अनावश्यक रूप से नदी के किनारों पर जाने से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
नाव से किया बाढ़ प्रभावित गांवों का निरीक्षण
निरीक्षण के दौरान मंत्री, डीएम, सीडीओ ओजस्वी राज, एक्सईएन संजय कुमार मिश्र और पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह एनडीआरएफ की नाव से बाढ़ प्रभावित गोपालपुर, उदयीछपरा और दूबेछपरा बस्ती पहुंचे। यहां उन्होंने बाढ़ से हुए नुकसान और स्थानीय लोगों की समस्याओं का जायजा लिया। कई जगहों पर लोगों ने कटान, घरों में पानी भरने और सड़क संपर्क टूटने की शिकायतें भी कीं।
प्रशासनिक अमले की मौजूदगी
इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष संजय मिश्रा, पूर्व जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू, एसडीएम बैरिया आलोक कुमार सिंह, तहसीलदार बैरिया मनोज कुमार राय, एसडीओ बाढ़ खंड एसके प्रियदर्शी समेत अनेक प्रशासनिक व राजनीतिक प्रतिनिधि मौजूद रहे।
सरकार की तैयारी और राहत कार्य
प्रभारी मंत्री ने कहा कि इस बार सरकार ने बाढ़ नियंत्रण और राहत कार्यों को लेकर पहले से ही ठोस रणनीति बनाई है।
पूर्व तैयारी: जिला प्रशासन ने खतरे वाले इलाकों की पहचान कर ली है और जरूरी संसाधन वहां पहले से पहुंचा दिए गए हैं।
राहत सामग्री: खाद्य सामग्री, पीने का पानी, दवाएं, तिरपाल और अन्य आवश्यक वस्तुएं स्टॉक में रखी गई हैं।
स्वास्थ्य सुविधाएं: मेडिकल टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि बाढ़ से फैलने वाली बीमारियों पर तुरंत काबू पाया जा सके।
आवास सहायता: जिन लोगों के घर बाढ़ या कटान में क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें गृह अनुदान के तहत मदद दी जा रही है।
ग्रामीणों का भरोसा और अपेक्षाएं
निरीक्षण के दौरान कई ग्रामीणों ने मंत्री और अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी समस्याएं बताईं। ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन की सक्रियता से उन्हें राहत की उम्मीद है, लेकिन वे चाहते हैं कि कटान रोकने के लिए दीर्घकालिक समाधान निकाला जाए।
राजनीतिक और सामाजिक संदेश
दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने यह भी कहा कि सरकार केवल बाढ़ आने पर ही नहीं, बल्कि बाढ़ और कटान की स्थायी समस्या के समाधान पर भी गंभीर है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बलिया जैसे संवेदनशील जिलों में दीर्घकालिक परियोजनाएं लाने पर काम कर रही है।
निष्कर्ष:
बलिया के बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्रभारी मंत्री और जिला प्रशासन की यह संयुक्त कार्रवाई न केवल सरकारी तत्परता को दर्शाती है, बल्कि स्थानीय लोगों को यह भरोसा भी देती है कि संकट की इस घड़ी में वे अकेले नहीं हैं। राहत केंद्रों का उद्घाटन, डेंजर प्वाइंट का निरीक्षण और एनडीआरएफ की सक्रियता यह संकेत है कि सरकार ने इस बार बाढ़ प्रबंधन में कोई कसर नहीं छोड़ी है।